EPFO New Update – अगर आप किसी कंपनी या संस्था में नौकरी कर रहे हैं और आपकी सैलरी में PF कटता है, तो यह खबर आपके लिए बहुत अहम है। EPFO यानी कर्मचारी भविष्य निधि संगठन ने 2025 में अपनी EDLI यानी Employee Deposit Linked Insurance Scheme में बड़ा बदलाव किया है। इस बदलाव के बाद अब EPFO में रजिस्टर्ड कर्मचारियों को सात लाख रुपये तक का फ्री इंश्योरेंस कवर मिल सकता है। खास बात यह है कि इसके लिए आपको अपनी जेब से एक भी पैसा खर्च नहीं करना पड़ता। यह सुविधा पूरी तरह से नियोक्ता द्वारा दी जाती है और कर्मचारी को अलग से कुछ भी भरने की जरूरत नहीं है।
क्या है EDLI योजना और क्यों है खास
EDLI यानी एम्प्लॉयी डिपॉजिट लिंक्ड इंश्योरेंस स्कीम को 1976 में शुरू किया गया था। इस स्कीम का मकसद यह था कि अगर किसी कर्मचारी की नौकरी के दौरान मौत हो जाती है, तो उसके परिवार को एक तय बीमा राशि मिल सके ताकि वे उस मुश्किल वक्त में आर्थिक रूप से कमजोर न हों। यह एक तरह का ग्रुप लाइफ इंश्योरेंस है जो कर्मचारी के EPF अकाउंट से जुड़ा होता है।
इस योजना में कर्मचारी को कोई पैसा नहीं देना होता। सारा योगदान नियोक्ता की तरफ से किया जाता है। आमतौर पर कंपनी आपके बेसिक सैलरी का 0.5 प्रतिशत इस स्कीम के तहत जमा करती है। यह पैसा सीधे EDLI फंड में जाता है और इसका इस्तेमाल बीमा क्लेम में किया जाता है।
2025 में क्या हुआ बड़ा बदलाव
2025 में इस स्कीम में जो सबसे बड़ा बदलाव किया गया है, वह है बीमा राशि का बढ़ाया जाना। पहले यह बीमा कवर सिर्फ 2.5 लाख रुपये तक का होता था, लेकिन अब इसे बढ़ाकर 7 लाख रुपये कर दिया गया है। यानी अगर कर्मचारी की नौकरी के दौरान मृत्यु हो जाती है, तो उसके परिवार को 7 लाख रुपये तक की सहायता राशि मिल सकती है। यह फैसला लाखों कर्मचारियों और उनके परिवारों के लिए राहत की बड़ी खबर है।
इसके अलावा अब अगर कोई कर्मचारी एक साल से भी कम समय तक काम करता है, तो भी उसे कम से कम 50 हजार रुपये का कवर मिलेगा। पहले एक निश्चित अवधि तक नौकरी किए बिना बीमा का लाभ नहीं मिलता था, लेकिन अब इस नियम में लचीलापन लाया गया है।
दो नौकरियों के बीच गैप पर भी राहत
अक्सर ऐसा होता है कि एक नौकरी छोड़ने और दूसरी में जुड़ने के बीच कुछ समय का अंतर आ जाता है। पहले इस स्थिति में बीमा कवर टूट जाता था। लेकिन नए नियमों के तहत अगर दो नौकरियों के बीच का अंतर 2 महीने से कम है, तो बीमा कवर लगातार बना रहेगा। यह उन कर्मचारियों के लिए बड़ी राहत है जो नौकरी बदलते रहते हैं।
कैसे करें बीमा क्लेम
EDLI स्कीम के तहत अगर किसी कर्मचारी की मृत्यु हो जाती है, तो उसके नॉमिनी या कानूनी वारिस को EPFO के किसी भी क्षेत्रीय ऑफिस में जाकर बीमा क्लेम फॉर्म जमा करना होता है। साथ में जरूरी दस्तावेज भी देने होते हैं, जैसे मृत्यु प्रमाण पत्र, पहचान पत्र, बैंक पासबुक आदि। एक बार जब सारे डॉक्यूमेंट्स वेरीफाई हो जाते हैं, तब EPFO बीमा राशि जारी कर देता है।
इस प्रक्रिया को तेज और सरल बनाया गया है ताकि परिवार को लंबा इंतजार न करना पड़े। EPFO का उद्देश्य है कि शोकग्रस्त परिवार को तुरंत आर्थिक मदद दी जा सके।
मध्यम वर्गीय परिवारों के लिए बड़ा सहारा
आज के दौर में प्राइवेट इंश्योरेंस खरीदना हर किसी के बस की बात नहीं है। प्रीमियम महंगे होते हैं और कागजी प्रक्रिया भी लंबी होती है। ऐसे में EDLI जैसी सरकारी स्कीम उन लाखों परिवारों के लिए राहत बनकर सामने आती है, जो अपने बल पर इंश्योरेंस नहीं ले सकते। यह योजना खासतौर पर मध्यम और निम्न मध्यम वर्गीय परिवारों के लिए बेहद फायदेमंद है।
बीमा कवर में इजाफा होने से अब ये योजना और मजबूत हो गई है। नौकरीपेशा लोगों को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि उनका नियोक्ता इस स्कीम के तहत उनके लिए योगदान कर रहा हो और उनका PF अकाउंट सक्रिय हो।
अगर आप EPFO सदस्य हैं, तो अपने नॉमिनी की जानकारी अपडेट करना न भूलें। अक्सर देखा गया है कि कर्मचारी नॉमिनी जोड़ना भूल जाते हैं या पुराने रिकॉर्ड में बदलाव नहीं करते। ऐसी स्थिति में बीमा क्लेम में दिक्कतें आ सकती हैं। इसलिए समय रहते ये जानकारी अपडेट करा लेना समझदारी होगी।
EPFO की EDLI योजना में किया गया यह बदलाव वास्तव में देश के लाखों कर्मचारियों और उनके परिवारों के लिए राहत लेकर आया है। बिना किसी अतिरिक्त खर्च के सात लाख रुपये तक का बीमा कवर मिलना एक बड़ी बात है। ऐसे में यह जरूरी है कि कर्मचारी इस सुविधा के बारे में जागरूक हों और इसका सही लाभ उठाएं।